Chapter 1 Sutra 5-5.5
काय-बाल-ग्रहोर्ध्वाङ्ग-शल्य-दंष्ट्रा-जरा-वृषान् ॥ ५ ॥
अष्टाव् अङ्गानि तस्याहुश् चिकित्सा येषु संश्रिता ।
आयुर्वेद की आठ शाखाएँ हैं।
- काया चिकित्सा - सामान्य दवा
- बाला चिकित्सा - बाल चिकित्सा( कौमारभृत्य)
- ग्रहा चिकित्सा – मनोरोग ( भूत विद्या)
- उरध्वंगा चिकित्सा- कान, नाक, गले और आंखों के रोग और उपचार (गर्दन और ऊपर क्षेत्र)
- शल्य शल्यक्रिया - शल्य चिकित्सा
- दंष्ट्रा चिकित्सा - विष विज्ञान
- जारा चिकित्सा – रसायन विज्ञान
- वृष चिकित्सा – वाजिकरण चिकित्सा
There are eight branches of Ayurveda.
- Kaya chikitsa - General medicine
- Bala Therapy - Pediatrics (virginity)
- Graha Medicine - Psychiatry (Ghosts)
- Urdhwanga therapy - diseases and treatment of ear, nose, throat and eyes (Neck and top area)
- Shalya kriya - Surgery
- Danshtra chikitsa - Toxicology
- Jaara Chikitsa – Chemistry (Giriatrics)
- Vrsh Chikista - Aphrodisiac therapy
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